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Hindi : Books by Language Books by LanguageUploaded by dharamrajyam on
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राघवयादवीयम् स्तोत्राणि – राघव (राम) + यादव (कृष्ण) के चरित्र को बताने वाली गाथा है।
भारतअपने ज्ञान-विज्ञान के लिए संसार भर में प्रसिद्ध है, इसमें कोई संदेह नहीं है ! उसी का ही एकउदहारण है राघवयादवीयम्...। भारत के कांचीपुरम क्षेत्र के 17वीं सदी के महानकवि वेंकटाध्वरि द्वारा रचित ग्रन्थ “राघवयादवीयम्”एक अद्भुत ग्रन्थ है।इस ग्रन्थ को ‘अनुलोम-विलोम काव्य’के रूप में जाना जाता है। इस स्त्रोत कीअदभुत बात यह है कि जब आप इस स्तोत्र को सीधा पढ़ते है तो यह रामकथा के रूपमें पढ़ी जाती है,और जब इसी स्तोत्र में लिखे शब्दों को उल्टा करके पढ़तेहै तो यह कृष्ण भागवत की कथा के रूप में पढ़ी जाती है। इस पूरे ग्रन्थ मेंकेवल 30 श्लोक हैं। इन श्लोकों को सीधे-सीधे पढ़ते जाएँ, तो रामकथा बनतीहै और विपरीत (उल्टा) क्रम में पढ़ने पर कृष्णकथा बनती है। इस प्रकार हैंतो केवल 30 श्लोक, लेकिन रामकथा और कृष्णकथा के 30 – 30 श्लोक जोड़ लिएजाएँ तो बनते हैं 60 श्लोक।
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